बेहतरीन दुआ पर शायरी - Chot Par Shayari In Hindi
दोस्तों आईये शुरुआत करते हैं " Dua Par Shayari" के इस आर्टिकल को जोकि "शब्दों के जाल" से लिया गया हैं. जहा आप पा सकते हैं अपने मन पसंद शब्द दुआ पर शायरी का विशाल संग्रह.
जो शायरी के कद्रदानों है तथा व्हाट्स अप और फेसबुक के चाहने वालो को जो हमेशा सोशल मिडिया के प्लेटफॉर्म पर खुबसुरत शायरियो को शेयर करते हैं.
आज का यह आर्टिकल दुआ शब्द से लिया गया हैं और इस पोस्ट में आप पा सकते हैं ढेरो दुआ पर शायरियों का बेजोड़ कलेक्शन. जोकि आप सभी शायरी के कद्रदानो को बेहद ही पसंद आएगा.
तो देर कैसी आईये पढ़ते हैं " Dua Par Shayari" और अपने मनपसंद शायरी को शेयर करते हैं अपने दोस्तों और चाहने वालो को व्हात्सप्प और फेसबुक तथा अन्य सोशल मिडिया पर.
बेहतरीन दुआ पर शायरी के इस कलेक्शन को पढ़ने से पहले गुनगुनाते हैं एक प्यारे से नगमे की प्यारी सी लाइन को.
ये दुआ है मेरी रब से तुझे ये आशिकी मे सब से मेरी आशिकी पसंद आये , मेरी आशिकी पसंद आये .
60+ दुआ पर शायरी - Dua Par Shayari In Hindi
1=
मेरा दिल भी कितना भोला है टूट कर रोते हुए भी,
अपने सनम की जिंदगी की ख़ुशी की ✒ दुआ मांगता हैं.
अपने सनम की जिंदगी की ख़ुशी की ✒ दुआ मांगता हैं.
2=
भले ही तू जाते जाते मेरे दिल को इतने ज़ख़्म दे गयी,
लेकिन फिर भी मेरे दिल के हर ज़ख़्म तुझे ✒ दुआ ही देंगे.
लेकिन फिर भी मेरे दिल के हर ज़ख़्म तुझे ✒ दुआ ही देंगे.
3=
मुद्दतें हो गयी हैं खता करते हुए,
शर्म आती है अब तो ✒ दुआ करते हुए.
शर्म आती है अब तो ✒ दुआ करते हुए.
4=
क्या पता उसको कि वो मुझ को सज़ा देता है,
वो तो मासूम है, जीने की ✒ दुआ देता है.
वो तो मासूम है, जीने की ✒ दुआ देता है.
5=
✒ दुआ कौन सी थी हमे याद नही बस इतना याद है,
दो हथेलियाँ जुड़ी थी एक तेरी थी एक मेरी थी.
दो हथेलियाँ जुड़ी थी एक तेरी थी एक मेरी थी.
6=
खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए कोई ✒ दुआ आ जाए,
खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए.
खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए.
7=
मज़हब तो ये दो हथेलियाँ बताती हैं,
जुड़ें तो "पूजा" खुलें तो ✒ दुआ कहलाती हैं.
जुड़ें तो "पूजा" खुलें तो ✒ दुआ कहलाती हैं.
8=
तुम तो दुनिया से निराली ही सजा देते हो।
कितने चालाक हो क़ातिल ✒ दुआ देते हो.
कितने चालाक हो क़ातिल ✒ दुआ देते हो.
9=
ये दिसम्बर तो बातोँ का मौसम था,
✒ दुआ करो कि जनवरी बांहोँ का मौसम हो.
✒ दुआ करो कि जनवरी बांहोँ का मौसम हो.
10=
मे बद्दुआ तो नही दे रहा हुँ उसको,
मगर ✒ दुआ बस यही है,कि उसे मुझ जैसा फिर कोई ना मिले.
मगर ✒ दुआ बस यही है,कि उसे मुझ जैसा फिर कोई ना मिले.
11=
हर एक ✒ दुआ में हम तो यही कहते हैं
वो सदा खुश रहें जो दिल में मेरे रहते हैं.
वो सदा खुश रहें जो दिल में मेरे रहते हैं.
12=
✒ दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे,
उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे.
उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे.
13=
इस दौर में दूर से ही ✒ दुआ सलाम का रिश्ता अच्छा है,
करीब आने पर अक्सर दूर हो जाते हैं लोग.
करीब आने पर अक्सर दूर हो जाते हैं लोग.
14=
ना जाने कौन मेरे हक़ में ✒ दुआ पढता है,
डूबता भी हूँ तो समंदर उछाल देता है.
डूबता भी हूँ तो समंदर उछाल देता है.
15=
जिस मैं की हवा लगी,
उसे फिर ना दवा लगी ना ✒ दुआ लगी.
उसे फिर ना दवा लगी ना ✒ दुआ लगी.
16=
साथ उसका हो यूंही ज़िन्दगी भर के लिए,
मेरी इस ✒ दुआ में सब "आमीन" बोल देना.
साथ उसका हो यूंही ज़िन्दगी भर के लिए,
मेरी इस ✒ दुआ में सब "आमीन" बोल देना.
17=
परवाह नहीं अगर ये जमाना खफा रहे,
बस इतनी सी ✒ दुआ है, दोस्त मेहरबां रहे.
बस इतनी सी ✒ दुआ है, दोस्त मेहरबां रहे.
18=
कैसे दे दूँ बद्दुआ उसे मैं,
एकलौती ✒ दुआ थी मेरी कभी वो.
एकलौती ✒ दुआ थी मेरी कभी वो.
19=
जब दिल करता है कुछ करूं,
तो तुम्हारे लिए ✒ दुआ कर देता हूँ.
तो तुम्हारे लिए ✒ दुआ कर देता हूँ.
20=
जलील न किया करो किसी फ़क़ीर को अपनी चौखट से साहब,
वो सिर्फ भीख लेने नहीं , ✒ दुआ देने भी आते हैं.
वो सिर्फ भीख लेने नहीं , ✒ दुआ देने भी आते हैं.
21=
✒ दुआ का रंग नही होता मगर,
ये रंग ले आती है.
ये रंग ले आती है.
22=
मुद्दते हो गयी, गुनाह करते करते,
शर्म आती है अब, ✒ दुआ करते हुए.
शर्म आती है अब, ✒ दुआ करते हुए.
23=
काले जादू जैसा है ये तेरा तिलस्मी इश्क़,
✒ दुआ और दवा सब बेअसर मालूम होती है.
✒ दुआ और दवा सब बेअसर मालूम होती है.
24=
महफ़िल थी दुआओ की, हमने भी एक ✒ दुआ की,
तुम खुश रहो सदा, मेरे साथ भी मेरे बाद भी.
तुम खुश रहो सदा, मेरे साथ भी मेरे बाद भी.
25=
नीचे आ गिरती है हर बार ✒ दुआ मेरी,
पता नहीं कितनी ऊचाई पर खुदा रहता हैं.
पता नहीं कितनी ऊचाई पर खुदा रहता हैं.
26=
ताबींजो मे क्या पू़ंछू इलाज दर्द -ए -दिल का...
मंर्जं जब ज़िंदगी खुद हो तो ✒ दुआ कैसी दवा कैसी.
मंर्जं जब ज़िंदगी खुद हो तो ✒ दुआ कैसी दवा कैसी.
27=
जान तक देने की बात होती है यहाँ,
पर यकीन मानिये, ✒ दुआ तक दिल से नही देते है लोग.
पर यकीन मानिये, ✒ दुआ तक दिल से नही देते है लोग.
28=
तुम्हारी यादो से है मेरी जिदंगी मे रौनक,
इसलिये अपनी नही तुम्हारी जिदंगी की ✒ दुआ करते है.
इसलिये अपनी नही तुम्हारी जिदंगी की ✒ दुआ करते है.
29=
जलने वाले की ✒ दुआ से ही सारी बरक्कत् है,
वरना अपना कहने बाले याद भी नही करते हैं.
वरना अपना कहने बाले याद भी नही करते हैं.
30=
सोने जा रहा हूँ तुझे ख्वाब में देखने कि हसरत ले कर,
✒ दुआ करना कोई जगा ना दे मुजे तेरे दीदार से पहले.
✒ दुआ करना कोई जगा ना दे मुजे तेरे दीदार से पहले.
31=
वो जो दूसरो के लिए, ✒ दुआ करता है,
दुआएँ खुद उसकी, खुदा करता है.
वो जो दूसरो के लिए, ✒ दुआ करता है,
दुआएँ खुद उसकी, खुदा करता है.
32=
जिसको भी देखा तङपते हुए देखा हमने,
ये मुहब्बत किसी फक़ीर की ✒ बद्दुआ सी लगती है.
ये मुहब्बत किसी फक़ीर की ✒ बद्दुआ सी लगती है.
33=
अब कहां ✒ दुआओं में वो बरकतें, वो नसीहतें, वो हिदायतें,
अब तो बस जरूरतों के जुलुस हैं, मतलबों के सलाम हैं.
अब तो बस जरूरतों के जुलुस हैं, मतलबों के सलाम हैं.
34=
छोड़ तो दी, रस्मे उल्फत ज़माने के लीए,
मर मर के जिए है, हम ✒ दुआओं में उम्र ले कर .
मर मर के जिए है, हम ✒ दुआओं में उम्र ले कर .
35=
पिछले बरस था खौफ की तुझको खो ना दूँ कही,
अब के बरस ये ✒ दुआ है की तेरा सामना ना हो.
अब के बरस ये ✒ दुआ है की तेरा सामना ना हो.
36=
न जाने किसने पढ़ी है मेरे हक़ में ✒ दुआ,
आज तबियत में जरा आराम सा है.
आज तबियत में जरा आराम सा है.
37=
बहुत असर रखता है, हर लफ्ज़ उसकी जुबान का,
ए काश के वो मुझसे मिलने की ✒ दुआ मांगे.
38=
ए काश के वो मुझसे मिलने की ✒ दुआ मांगे.
38=
में वो काम नहीं करता हूँ जिसमे खुदा मिले,
में बस वो करता हूँ जिसमे दुनिया की ✒ दुआ मिले.
में बस वो करता हूँ जिसमे दुनिया की ✒ दुआ मिले.
39=
✒ दुआ तो एक ही काफी है गर कबूल हो जाए
हज़ारों दुआओं के बाद भी मंजर तबाह देखे हैं.
हज़ारों दुआओं के बाद भी मंजर तबाह देखे हैं.
40=
जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है,
माँ ✒ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है.
माँ ✒ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है.
41=
मौत का नही खौफ मगर एक ✒ दुआ है रब से
कि जब भी मरु तेरे होने का एहसास मेरे साथ मर जाये.
कि जब भी मरु तेरे होने का एहसास मेरे साथ मर जाये.
42=
अगर आम बोने से आम मिलते हैं और नीम बोने से नीम,
आओ लगाकर देखें फसल ✒ दुआ की
न कोई भूखा रहे, और न कोई यतीम.
आओ लगाकर देखें फसल ✒ दुआ की
न कोई भूखा रहे, और न कोई यतीम.
43=
✒ दुआ करो मैं कोई रास्ता निकाल सकूँ,
तुम्हे भी देख सकूँ, खुद को भी सम्भाल सकूँ .
तुम्हे भी देख सकूँ, खुद को भी सम्भाल सकूँ .
44=
ऐसे माहौल मे दवा क्या है ✒ दुआ क्या है
जहाँ कातिल ही खूद पूछे की हुआ क्या है.
जहाँ कातिल ही खूद पूछे की हुआ क्या है.
45=
एक बार फिर निकल पडा हूँ मुहब्बत की राहों मे,
✒ दुआ करना दोस्तों इस को और #बेवफा ना मिले.
✒ दुआ करना दोस्तों इस को और #बेवफा ना मिले.
46=
यकीन और ✒ दुआ नज़र नहीँ आती मगर,
मेरे दिल को खुशनुमा जरूर बना देती है.
मेरे दिल को खुशनुमा जरूर बना देती है.
47=
दोस्ती खुशी है दोस्ती ✒ दुआ है,
दोस्ती अहसास है दोस्ती खुदा है.
दोस्ती अहसास है दोस्ती खुदा है.
48=
इस ईद पर रब से इबादत में यही ✒ दुआ मांगो,
अपने मुल्क में अमन के साँस का जहाँ मांगो.
अपने मुल्क में अमन के साँस का जहाँ मांगो.
49=
जब ख़ुशी मिली तो कई दर्द मुझसे रूठ गए,
✒ दुआ करो कि मैं फिर से उदास हो जाऊं.
✒ दुआ करो कि मैं फिर से उदास हो जाऊं.
50=
पिछला साल बातों में बित गया
✒ दुआ करो ये साल मुलाकातों में बीते.
✒ दुआ करो ये साल मुलाकातों में बीते.
51=
नसीब की बात मत करो ,
✒ दुआ तकदीर बदल देती है.
✒ दुआ तकदीर बदल देती है.
52=
आँसू वो खामोश ✒ दुआ है,
जो सिर्फ़ खुदा ही सुन सकता है.
जो सिर्फ़ खुदा ही सुन सकता है.
53=
अब भी क़ुबूल ना हो तो, किस्मत की बात है
कह रहे हैं आमीन वो, मेरी हर ✒ दुआ के बाद.
कह रहे हैं आमीन वो, मेरी हर ✒ दुआ के बाद.
54=
झुका लेता हूँ अपना सर, हर मज़हब के आगे,
पता नहीं किस ✒ दुआ में तुझे, मेरा होना लिखा हो.
पता नहीं किस ✒ दुआ में तुझे, मेरा होना लिखा हो.
55=
काश की कोई टुटा हुआ तारा ही दिख जाये
✒ दुआ माँगनी है मुझे उस बेवफा की सलामती की.
✒ दुआ माँगनी है मुझे उस बेवफा की सलामती की.
56=
वो मुझे ज़िन्दा देख कर बोली,
कि तुझे ✒ बददुआ नही लगती है क्या.
कि तुझे ✒ बददुआ नही लगती है क्या.
57=
तू मांग तो सही अपनी ✒ दुआओ मे बददुआ मेरे लिए
मै हंसकर खुदा से आमीन कह दूँगा.
मै हंसकर खुदा से आमीन कह दूँगा.
58=
गुजरे जिधर से तू वो मेरा रास्ता न हो
अब के बरस ✒ दुआ है तेरा सामना न हो.
अब के बरस ✒ दुआ है तेरा सामना न हो.
59=
कही पर ✒ दुआ का इक लफ्ज भी असर कर जाता हैं,
तो कही बरसों की इबादत हार जाती हैं.
तो कही बरसों की इबादत हार जाती हैं.
60=
फ़लक तक साथ चलने की न ✒ दुआ कीजिए,
ज़िंदा हूँ ज़मीं पर मैं, पहले यहाँ वफ़ा कीजिए.
ज़िंदा हूँ ज़मीं पर मैं, पहले यहाँ वफ़ा कीजिए.
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