वो ज़िन्दगी ही क्या जिसमे महोब्बत नहीं,
वो महोब्बत ही क्या जिसमे यादें नहीं,
वो यादें ही क्या जिसमे तुम नहीं,
और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नहीं.
जिक्र करता है दिल सुबह शाम तेरा,
गिरते है आंसू बनता है नाम तेरा,
किसी और को क्यों देखे ये आँखे,
जब दिल में लिखा है सिर्फ नाम तेरा.
एक सच्चा दिल सब के पास होता है,
फिर क्यों नहीं सब पे विश्वास होता है,
इंसान चाहे कितना भी आम हो,
वो किसी ना किसी के लिए जरूर खास होता है.
रब ना करे इश्क़ की कमी किसी को सताए ,
प्यार करो उसी से जो तुम्हे दिल की बात बताये,
प्यार करने से पेहले ये कसम जरूर लेना,
की हे खुदा, आखरी साँस तक हम इस प्यार को निभाए.
दिल तो सीने में दफ़न हुआ करता है शायद,
इसलिए लोग सिर्फ चेहरे पर फ़िदा हुआ करते है.
कुछ तो था उसकी बातो में जो दीवाना कर गई,
हम तो दिल थाम कर ही रह गए,
और साँसे उसकी गई.
तुम जब नहीं होते आस-पास,
दिल मेरा बेचैन हो उठता है,
डर है की तुम जान ना लो,
की मेरा दिल क्यों मचलता है.
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है,
जुकी निगाहों को इकरार कहते है,
सिर्फ पाने का नाम इश्क़ नहीं,
कुछ खोने को भी प्यार कहते है.
तेरी हर अदा महोब्बत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुददत सी लगती है,
पेहले नहीं सोचा था, अब सोचने लगे है हम,
ज़िन्दगी के हर लम्हो में तेरी जरुरत सी लगती है.
किसी ने यूँ ही पूछ लिया हमसे,
की दर्द की कीमत क्या है,
हमने हस्ते हुआ कहा, पता नहीं,
कुछ अपने मुफ्त में दे जाते है.
अगर में हद से गुज़र जाऊ तो मुझे माफ़ करना,
तेरे दिल में उत्तर जाऊ तो माफ़ करना,
में तुजे देख के तेरे दीदार के खातिर,
पल भर जो ठहर जाऊ तो मुझे माफ़ करना.
मुश्किल हालात से कह दो,
आज हमसे न उलझे,
दुआओ से हाथ भरे है मेरे,
तुम्हे कहा संभाल पाउँगा.
आखिर तुम भी आईने की तरह ही निकले,
जो भी सामने आया तुम उसी के हो गए.
नज़रे ढूंढे प्रेमी को,
” मानस ” हर छोटी आहट में,
यादों में खोये रहते है,
दीवाने अपनी चाहत में.
बहोत सोचा, बहोत समजा,
बहोत देर तक परख तब जाना,
तनहा होक जी लेना,
महोब्बत करने से कही बेहतर है.
एक रास्ता यह भी है,
मंज़िलो को पाने का,
की सीख लो तुम भी हुनर,
हां में हां मिलाने का.
कोई चारा नहीं है दुआ के सिवा,
कोई सुनता भी नहीं खुदा के सिवा.
हर रास्ता एक सफर चाहता है,
हर मुसाफिर एक हमसफ़र चाहता है,
जैसे चाहती है चांदनी चाँद को,
कोई है जो आपको इस कदर चाहता है.
यु तो कोई शिकायत माहि मुझे मेरे आज से,
मगर कभी कभी बिता हुआ कल बहोत याद आता है.
हार कर मेरे दिल ने आज ये फैसला किया,
की दूर हो जाऊ में उससे, या
आज कुछ कह डालू में उससे,
डरती हु मगर दूर जाने से भी, कुछ बताने से भी.
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